Savita Bhabhi Ka Bakra - 8

Views: 212 Category: Bhabhi Sex Story By mastaniusha Published: June 10, 2025

सोनम ने मेरी पसंद की मैक्सी पहन रखी थी पीछे से उसके चूतड़ और जांघें पूरी चमक रही थीं, गाण्ड का द्वार पूरा दिख रहा था, आगे से स्तन पूरे नंगे दिख रहे थे।

ये सब देखकर मेरा मन चोदने को कर रहा था।

मैं पास खड़ा होकर सोनम के चूतड़ सहलाने लगा और उससे बातें करने लगा।

बातें करते हुए मुझे पता चला कि सोनम की शादी एक साल पहले हुई थी और उसका पति राकेश से केस चल रहा है, दोनों का तलाक होने वाला है।
वो अपने पति के साथ 15 दिन ही रही थी कि उसे पता चला कि उसके पति की दूसरी पत्नी और एक बच्चा गाँव में है, उनका बाल विवाह हुआ था, पत्नी अनपढ़ थी इसलिए उसने उसे छोड़ दिया था साथ ही साथ वो आवारा औरतों के शौकीन भी था।

बहुत चोदू था, 9 इंची लम्बा लौड़ा था, पहली रात ही लड़की से औरत बना दिया और पांच सात दिन में ही कई आसनों में लेटा बैठा कर उसकी चूत और गाण्ड चोद चोद कर दुखा डाली थी।

सोनम बोली- मैं अपने पति के साथ सिर्फ 15 दिन रही थी। चुदने के बाद चूत की आग बढ़ जाती है, एक साल से दबा कर रखी हुई थी। सविता मेरी पक्की सहेली है, जब भी सविता से बात होती थी मैं उससे कहती थी कि मेरी चूत में बहूत चुल्ल उठ रही है और चुदने का बड़ा मन कर रहा है। सविता के साथ जब तुम्हारी मस्ती देखी तो मैंने सोच लिया तुम्हारे से चुदवा कर सेक्स का मज़ा लूंगी।
कल तुम्हारी और सविता की मस्ती रात भर की-होल से देखती रही। आज तुम्हें अकेला देखकर अपनी प्यास पर कण्ट्रोल नहीं रख पाई। सच मुझे चुदने में बड़ा मज़ा आया।

उसने मुझे पप्पी देकर कहा- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो !

उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे, वो बोली- मुझसे मिलने आते रहना, मैं और मम्मी अकेली रहती हैं।

थोड़ी देर में खाना तैयार हो गया, हम लोग खान खाकर फिर एक बार बिस्तर पर आ गए।

मैंने अपने कपड़े उतार दिए, अब में सिर्फ एक चड्डी में था।

सोनम मुझे एकटक देख रही थी, मैंने सोनम की मैक्सी की डोर खोल दी और उसे अपनी गोद में बैठा लिया, उसके दोनों चूचे अपने हाथों से दबाने लगा।

सोनम ने अपने होंट मेरे होंटों में डाल दिए, बहुत देर तक मैं उसके स्तन और जांघें मलते हुए होंट चूसता रहा।

मेरा लौड़ा उसकी गाण्ड की दरार पर झटके खा रहा था।

सोनम बिस्तर पर फिसल गई और चड्डी में हाथ डालकर लौड़ा पकड़ते हुए बोली- अब इस कुत्ते को मेरी चूत में डालो ना!

उसकी आँखों में काम ज्वाला भड़क रही थी।

मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया और उसकी मैक्सी भी अलग कर दी, बिस्तर पर लेटा कर उसकी चूत के छेद में अपनी दो उँगलियाँ घुसा दी और चूत की मालिश करने लगा।

मेरा लौड़ा मसलते हुए वो आहें भरने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसे अपने से चिपका लिया और लौड़ा उसकी सुरंग में घुसा दिया, वो अपनी गाण्ड हिला हिला कर चुदने लगी।

बहुत आनन्दमय पल थे।

चुदाई का दौर कब ख़त्म हो गया, पता ही नहीं चला, उसके बाद हम एक दूसरे से चिपक गए।

बातें करते हुए सोनम ने कहा- सविता बता रही थी कि तुम ड्राइंग बहुत अच्छा करते हो, हर ख़ुशी के मौके पर तुम अपनी मम्मी पापा को गुलाब के फूल का ग्रीटिंग बना कर कर देते हो। मुझे गुलाब के फूल की ड्राइंग बना कर दिखाओ ना!

मैंने उसे गुलाब का फूल बना दिया, उसने मुझसे उस पर आई लव यू लिखवा लिया और पास में रख दिया।

20-25 मिनट बाद जब मेरा लौड़ा दोबारा सुलगने लगा तो सोनम मेरी निप्पल पर काटते हुए बोली- एक बार पीछे से मेरी चूत में डालो ना, पीछे से ठुकने में मुझे बड़ा मज़ा आता है ! राकेश ने मेरी चूत कई बार पीछे से ठोंकी है।

सोनम मेंढक बन कर लेट गई, उसकी चूत पीछे से साफ़ दिख रही थी।

मैंने उंगली घुसा के जगह का मुआयना किया और अपने लौड़े का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया।

मुझसे लौड़ा अन्दर नहीं घुस रहा था, सोनम ने पूरा साथ दिया, तब लौड़ा बड़ी मुश्किल से अन्दर घुसा।

लौड़ा पेलने के बाद मैंने झुककर उसकी दोनों गुल्लियाँ पकड़ लीं और कसी हुई चूत में दम लगा कर पेलने लगा।

सोनम बेपरवाह होकर जोर जोर से आह उह आ आ हाँ करके मज़ा लेने लगी।
उसकी आहें उह उह उह आह की आवाज़ पूरे घर में गूंजने लगीं।

हम दोनों निडर होकर चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे।

सोनम को चोदने के बाद मैं निढाल होकर लेट गया। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सिमट गए और सो गए।

सोकर जब हम लोग उठे तब 5 बज़ रहे थे भाभी को लाने का समय हो गया था। हम दोनों भाभी को लेने चले गए।

कहानी जारी रहेगी।
mastaniusha@rediffmail.com

You May Also Like

Bhabhi ke mast boobs - 3

To maine kaha ke ab itni hot ladki ho or ye aag bhi na fainke to kya fayda aise lund ka wo kehne lagi ke acha ji aisa k…

Bhabhi ki chudai ki dastaan - 1

Bhabhi ko jab chut me ungali karte dekha to mai bhi wahin khade hokar muth marne laga aage kya hua padhiye is kahani me.

Comments